भीड़ में रहकर औरों से अलग दिखना, हर युवा की चाहत होती है. इसके लिए वे मीडिया को चुनते हैं. पहले प्रिंट मीडिया का समय था. फिर इलेक्ट्राॅनिक का दौर आया. अब तो वेब मीडिया की धूम है. हर कोई अपना वीडियो बनाकर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा रहा है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आपका वीडियो कैसा हो ? आप जिस समाचार को लोगों तक पहुंचा रहे हैं, उसमें आपकी भाव-भंगिमा कैसी है ? आपका प्रस्तुतिकरण कैसा है ?
इन सारी बातों को जब एक साथ सिखना है, तो उसे एंकरिंग कहा जाता है. अब सवाल उठता है कि एंकरिंग कहां से सीखें ? यूं तो देश में कई बेहतर संस्थान हैं. तमाम न्यूज चैनलों ने अपने यहां भी मीडिया संस्थान खोले हैं, जहां बारिकियां सिखाई जाती हैं. जो लड़के-लड़कियां दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं उनके लिए आईमैक (IMAC) एक बेहतर विकल्प है. नई दिल्ली के अशोक रोड पर स्थित आईमैक में एक्सपर्ट्एस एंकरिंग की बारिकियां को समझाते हैं. दस साल से अधिक समय से आईमैक युवाओं को एंकरिंग सहित कई दूसरे मीडिया कोर्स को सीखा रहा है.
इसमें कोई संदेह नहीं है कि आज की एंकरिंग में सक्रिय युवा पीढ़ी है. तकनीकी मामलों में निश्चित तौर पर पहली पीढ़ी के पत्रकारों से वह काफी ज्यादा जानती है. निश्चित रूप से आज देशभर में कई बड़े-बड़े े संस्थान पत्रकारिता प्रशिक्षण दे रहे हैं. आज के सीखने वालों की ट्रेनिंग बेहतरीन मशीनों पर आधुनिकतम स्टूडियो में होती है. आज के दौर में एंकरिंग पर तकनीक का प्रभाव बढ़ रहा है, तो इसका कारण यही है कि आज तकनीकी रूप से जानकार लोग तो खूब आ रहे हैं, लेकिन विषय को समझने, उसकी गहराई में जाने में उनकी दिलचस्पी नहीं दिखाई देती. आईमैक में एक्सपर्ट्स युवाओं को विषय वस्तु की गहराई भी समझाते हैं.
आज काम के प्रति समर्पण तो बढ़ा है, लेकिन यह भी सचाई है कि एक प्रकार का पेशेवर भाव भी उनमें बढ़ा है. यानी जब तक काम करना है, तब तक चुस्त-चैकन्ने रहना है. तकनीकी जानकारी हर एंकर को जरूर होनी चाहिए. उसको ओ.बी. वैन की संभावनाओं-सीमाओं की पूरी तौर पर जानकारी होनी चाहिए. उसको कैमरे से जुड़े पहलुओं की जानकारी होनी चाहिए. उसे साउंड की जानकारी होनी चाहिए, उसे लाइट की जानकारी होनी चाहिए. आप उस समय अधिक सीखते हैं, जब इन सब पहलुओं के विशेषज्ञ आपके साथ होते हैं, जो आपसे बेहतर इन सब चीजों को जान-समझ रहे होते हैं.