ऐसी दीवाली चाहिए”.

ऐसी दीवाली चाहिए”.            
दीपों से बाज़ार सजें, दीपों से ही उजियारा हो
हर घर को रोशन करे, ऐसी दीवाली चाहिए
चेहरों पर मुस्कान रहे, दिलों में प्रेम अपार हो
शब्दों में मिठास रहे, ऐसी दीवाली चाहिए
शिक्षित हो जाएं सभी, परम शिष्टाचार हो
सहजतापूर्ण काम रहे, ऐसी दीवाली चाहिए
महकता रहे समाज में, ख़ुशियों का दीदार हो
मिसालें ये कायम रहे, ऐसी दीवाली चाहिए
कुशल आदर-भाव से, सम्मान के हकदार हो
उच्च सभी विचार रहे, ऐसी दीवाली चाहिए

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